
विधानसभा चुनाव 2022 : उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में वोटगीरी के लिए निर्वाचन आयोग ने एक घंटे का समय बढ़ाया है. मतलब ये कि अब आप सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान यानि वोट डाल सकेंगे.
निर्वाचन आयोग इस बार मतदान को देखते हुए दिव्यांगों के लिए खास सुविधाएं देने जा रहा है. इस बार चुनाव में पांच बूथ केवल दिव्यांगों के लिए बनाए जाएंगे. जिसमें सारा स्टाफ भी दिव्यांग ही रहेगा.चुनाव के दौरान पूरे राज्य में 66 हज़ार 700 वॉलंटियर्स दिव्यांग मतदाताओं की मदद करेंगे.
वहीं इस बार महिलाओं के लिए भी निर्वाचन आयोग ने 100 बूथ बनाने के निर्णय लिया है. जिसमें पूरा स्टाफ ही महिलाों का होगा. इस बात की जानकारी देहरादून में देहरादून में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने दी.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान निर्वाचन आयोग ने बताया कि वो बुज़ुर्गों को लेकर भी संवेदनशील है. और इस विधानसभा चुनाव में 80 साल के ऊपर के जो बुजुर्ग या महिलाएं पोलिंग बूथ पर वोट डालने नहीं जा सकेंगे वो अपने घर से ही वोट डाल सकेंगे. इसके लिए बीएलओ- मतदाताों के घर जाएंगे. और पोस्टल बेलेट के द्वारा वोट डलवाएंगे. इसकी पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी.
निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड सरकार 25 मार्च 2022 को पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रही है. और प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव करवाने के लिए वो कटिबद्ध है. जिसके लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है.
वहीं कोविड को देखते हुए कोविड सेविंग बूथ का निर्माण भी किया जा रहा है. इस दौरान मास्क, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मतदान करवाया जाएगा. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए इस बार पोलिंग बूथ बढ़ाए जाएंगे. कोविड के चलते इस बार 12 सौ वोटर का पोलिंग स्टेशन बनवाय़ा जाएगा.
उत्तराखंड में 11,647 पोलिंग स्टेशन हैं. इस बार 623 नए पोलिंग स्टेशन बनाए गये हैं. सभी पोलिंग बूथ पर ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाए जाएंगे.
तो वहीं राजनीतिक पार्टियों को अपनी वेबसाइट और अखबारों में आपराधिक छवि वाले चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने बारे में बताना होगा. िस दौरान निर्वाचन आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि चुनाव में अगर कुछ भी गलत हो रहा है तो उसकी फोटो खींचकर इलेक्शन कमीशन को भेजें.
इस बार उत्तराखंड में 81.4 लाख वोटर हैं. और 66 हज़ार से ज्यादा दिव्यांग वोटर हैं. जबकि सर्विस मतदाताओं की संख्या 93 हज़ार से ज्यादा है.