दरअसल साल 2016 में अस्थायी राजधानी देहरादून में बजट सत्र के दौरान भाजपा के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी. जिसमें भाजपा समर्थकों और उत्तराखंड पुलिस कर्मियों के बीच तीखी झड़प हुई थी. आरोप था कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर पुलिस पर ही बरसानी शुरू कर दी थीं. आरोप है कि इसी दौरान जोशी की ताबड़तोड़ लाठी से पुलिस के घोड़े शक्तिमान को भी गंभीर चोटें आई. और शक्तिमान बुरी तरह ज़ख्मी होकर निढाल होकर ज़मीन पर गिर पड़ा था. उसका इलाज भी चला, ऑपरेशन भी हुआ लेकिन शक्तिमान ने दुनिया को अलविदा कह दिया. इसी मामले में पिछले साल सितंबर में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को सीजेएम कोर्टने बइज्जत बरी कर दिया था. शक्तिमान को लाठियों से मारकर जख्मी करने के आरोपों से.