
उत्तराखंड, कांग्रेस के खेवनहार अपने ट्विट के बाद दिल्ली तलब कर लिए गये. चुनाव के वक्त खुद पार्टी आलाकमान भी नहीं चाहते कि पार्टी के नेता इस तरह के ट्विट करें. लेकिन हरदा तो हरदा ठहरे. अपनी बात कहनी है तो कहनी है. वैसे भी हरदा के पास खोने को कुछ नहीं, लेकिन पाने को बहुत कुछ है. इसलिए हरदा अब पक्के पर हैं. और अपने तरकश से एक के बाद एक शब्द आये दिन छोड़ते रहते हैं.
बुद्धवार के ट्विट में हरीश रावत ने राजनीति की बिसात पर वो चाल चली जो किसी की समझ में नहीं आई. विपक्ष और तमाम नेता समझने लगे कि हरदा कांग्रेस को टाया बॉय बॉय कर देगें. लेकिन ऐसा कुछ होगा नहीं. दिल्ली पहुंचने के बाद हरदा का एक और ट्विट आ गया है. ज़रा इस ट्विट पर भी गौर फरमाए. ट्विट है तो समान्य पर लिखने का अंदाज़ वही तीखा.
राजनीति के धुरंदर हरीश रावत के इस ट्विट से साफ ज़ाहिर है कि वो ये जानते थे कि उनके ट्विट का पार्टी और विपक्ष पर कैसा असर पड़ने वाला है. लेकिन मासूम हरदा की मासूमियत तो देखिए वो इसे पेपर में पढ़कर खास बताते हैं. जबकि ट्विट करते वक्त उन्हें पता था कि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उनके ट्विट का नोटिफिकेशन दिल्ली में बैठे आलाकमान के ट्विटर अकाउंट पर भी दस्तक देगा.
खैर ट्विट ट्विट खेलने के बाद जैसा हरदा चाहते थे ठीक वैसा ही हुआ. पार्टी हाईकमान को फोन करके मिलने का वक्त लेने के बजाय हरदा ने बड़े ही सरल ढंग से सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर डाला. और पार्टी हाई कमान से वो कह दिया जो वो मिलकर भी नहीं कह सकते थे. बहरहाल इस चुनाव में उत्तराखंडियत को बचाने में लगे हरदा का एक और ट्विट ट्विटर पर तैर रहा है. वाजिब सी बात है कि ये ट्विट पार्टी हाई कमान से मिलने से पहले का है. जिसे हरदा ने बेहद सरल भाषा में लिखा है. और विपक्षियों को आड़े हाथों लिया है.
बात यहां गौर करने वाली इक और है. और वो ये कि हरदा ने अपने बुद्धवार के द्विट को अब तक पिनअप करके सबसे ऊपर ही रहने दिया है. जबकि उनका नया ट्विट काफी नीचे जा पहुंचा है. मतलब साफ है. रावत एक मझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह अपनी हर चाल राजनीति की बिसात पर बिछा रहे हैं. और हैरानी की बात ये है कि उनके विरोधी उनकी इन चालों के जंजाल में फंसते नज़र आ रहे हैं. तो वहीं पार्टी हाई कमान के लिए रावत वो तोता हैं जिनकी उखड़ती सांसे उनमें बसी हैं. इसलिए पार्टी हाईकमान अपने इस तोते को किसी के दबाव में आकर फुर्र करके उड़ने देना नहीं चाहती.