उत्तराखंड़, देहरादून, शनिवार को हुई राज्य की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गये. कैबिनेट में लिए गये इन तमाम महत्वपूर्ण फैसलों में अगर सरकार के फायदे वाला फैसला देखा जाए , तो वो रहा आबकारी से संबधित फैसला. दरअसल पिछले एक साल में कोरोना की वजह से राज्य में आमदनी के स्रोत पूरी तरह से बंद रहे , जिसके चलते राज्य की माली हालत काफी खस्ता हो गई. इतनी खस्ता कि राज्य कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी सरकार के खजाने में कमी पड़ गई. और यही वजह रही, कि सरकार को अपनी कैबिनेट में आबकारी यानि शराब नीति और इस धंधे से जुड़े की महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़े.
शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति पर गहन मंथन हुआ, आबकारी महकमें से जुड़े तमाम धुरंदरों से सलाह मशविरा लिय़े गये. और फिर कैबिनेट में आबकारी नीति में बड़े बदलाव वाले फैसले का एलान किया गया. एक ऐसा फैसला जो राज्य को आने वाले दिनों में एक बड़ी आर्थिक मदद करेगा.
कैबिनेट में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिली है. इस नई आबकारी नीति के तहत अब शराब की दुकानों के लाइसेंस 2 साल के लिए दिए जाएंगे. दो साल के लिए दिये जाने वाले शराब के ठेकों के लिए डिजिटल तकनीति यानि ई-टेंडरिंग का इस्तेमाल किया जाएगा. आवेदन करने वालों के लिए अब शुल्क होगा 40 से 50 हज़ार रुपए.

इसके अलावा देशी शराब की दुकानों में बीयर बेंचना ज़रूरी कर दिया गया है. या यूं कहें कि देशी शराब के ठेकों पर अब आपको चील्ड मतलब चिल्ड बीयर भी “यहां मिलती है लिखा नज़र आएगा”. सरकार का ये निर्णय साफ बता रहा है, कि इस बार सरकार नई आबकारी नीति से रिवन्यू पैदा करने में कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती. कोरोना में आबकारी विभाग को हुए घाटे का एक एक पाई का हिसाब, इस नई आबकारी नीति के फैसलों में साफ नज़र आता है.

इसीलिए नई आबकारी नीति में नए सिरे से सभी दुकानों का राजस्व भी निर्धारित कर दिया गया है. एफएल-टू fl2 की फीस में भी भारी इज़ाफा किया गया है. ये फीस सीधे 3 लाख रुपे बढ़ा दी गई है. मतलब एफएल2 की फीस देशी के लिए 12 से 15 लाख कर दी गई है. तो वहीं विदेशी बेंचने वालों की जेब पर भी अब 5 लाख रुपए का बोझ बढ़ जाएगा. मतलब ये, कि विदेशी शराब लाइसेंस की फीस 10 से सीधे 15 लाख रुपे कर दी गई है.
दरअसल सरकार की ठेकों की फीस में बढ़ोत्तरी जहां सरकार के खजाने को भरेगी वहीं शराब से कोविड सेस हटने के बाद शराब हो जाेगी पहले से सस्ती. मतलब ये कि सरकार ने पीने वालों को भी भारी राहत दी है. तो वहीं शराब की दुकानों के हर साल होने वाले रिन्यूवल को खत्म कर सरकार ने ठेके वालों को भी खासी राहत दी है.

और हां भईया एक बात तो बताना भूल ही गये. अब अपने सुरा शौकीनों के लिए टेंशन लेने की कोई बात नहीं है, क्योंकि हमारी कैबिनेट ने एक और बड़ा निर्णय हमारे सुरा शौकीनों के हक में लिया है. अब सरकार, आपकी काहे चिंता नहीं करेगी, चिंता तो करेगी न, जब आप उनकी मोटी कमाई का बड़ा जरियां हैं तो. खैर मुद्दे पर आते हैं. अब निगम क्षेत्रों में शराब की दुकानें खुलेंगी रात 11 बजे तक, यानि सुबह 10 बजे से 10 बजे तक नहीं, बल्कि 1 घंटे का ओवर टैम मिला है भईया. मजे लीजिए. तो वहीं अपने पहाड़ी ज़िलों में सुबह 10 से रात 10 बजे तक ही ठेके खुलेंगे. अरे अब तो खुश हो लीजिए न.
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