उत्तराखंड- कोरोना महामारी ने दुनिया भर में लोगों के काम करने का तरीका और रहन-सहन दोनों ही पूरी तरह से बदल दिए। जो मल्टीनेशनल कम्पनियां बड़े-बड़े दफ्तरों से देश और दुनिया पर राज करती थी, वो अब उसके कर्मचारियों के घरों से काम करती नजर आ रही है यानि वर्क फ्रॉम होम। लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में वर्चुअल वार छिड़ा है । 30 विधायक और कमरा नंबर 107

भारत में भी ये बदलाव देखने को मिला और कोरोना काल में वर्चुअल ऑनलाइन टेक्नोलॉजी के ज़रिए कम्पनियों ने अपनी रफ्तार बनाए रखी। इतना ही ये बदलाव देश का राजनीति में भी देखने को मिला। जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव हैं। जिसमें बड़ी-बड़ी रैलियों की जगह ले ली वर्चुअल ऑनलाइन कान्फ्रेस ने।
इसी कड़ी में उत्तराखंड ने भी वर्चुअल तकनीकी को अपनाया, हालांकि विधानसभा नये शीतकालीन सत्र के ऑनलाइन न होने के बावजूद वर्चूअल मीटिंग के रास्ते को अपनाएगी। विधानसभा के नये सत्र के लिए पंत भवन के 107 नम्बर कमरे को विधानसभा मंडप का हिस्सा घोषित किया गया है। कमरे के मंडप से दूर होने के कारण इस कमरे में बैठने वाले विधायकों को डीजीटल तरीका ही अपनाना होगा। इन विधायकों की ओर से कही गई बातों की रिकॉर्डिंग सभा-मंडप में मौजूद टीम करेगी। बावजूद इसके यह आशंका जताई जा रही है, कि इन विधायकों की बात को सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने से रोकने के लिए म्यूट बटन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधायकों की इस आशंका को सिरे से नकारते हुए कहा, कि कोशिश रहेगी कि सदन की कार्यवाही के दौरान हर विधायक अपनी बात को सामने रख सके।
शीतकालीन सत्र के तहत 20 दिसम्बर को कार्यमंत्रणा समिति और सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। जिसके तहत बीते मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा मंडप का निरीक्षण किया।
सत्र के लिए चुने गए कमरे को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं बताया जा रहा है, कि बुधवार को विधानसभा में उच्च अधिकारियों के साथ स्पीकर की बैठक होगी। जिसमें सुरक्षा सम्बन्धी मसलों को लेकर बातचीत की जाएगी। इसी बैठक में सेनिटाइजेशन की व्यवस्था और सदन में दर्शक, अधिकारियों और अन्य स्टाफ के आने को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
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