उत्तराखंड- रुद्रपर- किसी भी देश को विकसित बनाने में देश की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जहां अब आत्मनिर्भर भारत बनाने पर इतना जोर दिया जा रहा है, वहीं उत्तराखंड में महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है।
राज्य की महिलाएं अब अपने सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं । जिसके लिए तराई की महिलाओं के हाथों से बनी रजाईयों को अब न केवल स्थानीय बाजारों बल्कि अंर्तराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।

विदेशी बाज़ारों तक भारतीय रज़ाईयों को पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका ने अमेजन और मेगास्टोर जैसी ऑनलाइन साइट्स के साथ एग्रीमेंट किया है।
डीआरडीए परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी ने जानकारी देते हुए बताया, कि रजाई ग्रोथ सेंटर खोलने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी, जिसकी मंजूरी अब मिल गई है। मंजूरी मिलने के बाद अब उद्योग विभाग को ग्रोथ सेंटर खोलने के लिए 25 लाख का बजट भी मुहैय्या करा दिया गया है।

रज़ाई सेंटर खोलने के लिए गदरपुर ब्लॉक में जमीन भी देख ली गई है। जिसमें राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन के तहत 45 हजार महिलाओं को मूंज घास से बने डेकोर का समान, केक, ब्रेड, बन, रसोई का समान, बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। सेंटर में सलाहकारों की मद्द से रजाईयों को बेहतर बनाया जाएगा। वहीं इसकी क्वालिटी और डिज़ाइनिंग और गुणवत्ता पर भी खासा ख्याल रखा जाएगा। जिससे दूसरे देश के लोग इन रजाईयों को पसंद कर ऑनलाइन ऑर्डर कर सकें।

ग्रोथ सेंटर ने 600 महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें सौ-सौ महिलाओं के समूह को अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने जानकारी दी है, कि नये साल तक रजाई ग्रोथ सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा । लेकिन इसमें बनने वाली रजाईयां अगले सीजन तक ही तैयार हो पाएंगी। जिसके बाद इन्हें स्थानीय बाज़ारों, मेलों और दूसरे राज्यों तक पहुंचाया जाएगा। अंर्तराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए अमेजन और मेगास्टार जैसी ऑनलाइन साइटों का उपयोग किया जाएगा।
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