उत्तराखंड- 2017 में सरकार ने राज्य पर बढ़ते वित्तीय भार के चलते छात्रवृत्ति के मानकों को बदला था. छात्रवृत्ति में करोड़ों रुपये के घोटाले को भी इसकी एक वजह माना जाता है. छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारी और संस्थानों के संचालक जेल जा चुके हैं.

इसी कड़ी में अब सरकार छात्रवृत्ति देने की मौजूदा व्यवस्था को बदलकर फीस के हिसाब से स्कॉलरशिप देने की तैयारी कर रही है. इसमें एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए समाज कल्याण विभाग की दशमोत्तर छात्रवृत्ति बढ़ाई जाएगी. 19 जनवरी को कैबिनेट की सब कमेटी की बैठक में इस मामले से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए. सबकमेटी में मुख्य सचिव ओमप्रकाश को प्रवेश और फीस निर्धारण के लिए एक कमेटी गठित करने को कहा गया.
बैठक में राज्य के शैक्षिक संस्थानों में आरक्षित वर्ग के छात्रों की रिपोर्ट भी मांगी गई. जिसके बाद कमेटी प्राइवेट संस्थानों की फीस नये सिरे से तय करेगी. सबकमेटी 27 जनवरी को प्रस्तावित बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लेगी. 2017 में केंद्र सरकार से धन न मिलने पर राज्य सरकार ने तय किया था, कि प्राइवेट संस्थानों के छात्रों को सरकारी स्कूलों के फीस के समान ही छात्रवृत्ति मिलेगी.

जबकि इस साल केंद्र ने छात्रवृत्ति में 40% अंश खुद अफोर्ड करने का निर्णय लिया है. जिसे देखते हुए इसके मानकों को भी बदलने की तैयारी की जा रही है. सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी, कि सब कमेटी सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है. केंद्र ने 40% अंशदान देने का निर्णय किया है.
सरकारी और निजी संस्थानों की फीस में जमीन-आसमान का अंतर है. सरकारी कॉलेजों में जहां किसी कोर्स के लिए 11-13 हजार रुपये लगते हैं, तो वहीं सेम कोर्स के लिए प्राइवेट कॉलेजों में विद्यार्थियों को लाख रुपये तक देने पड़ते हैं.

कोर्स प्राइवेट फीस सरकारी फीस आयुर्वेदिक भैषज 52,000 11,350 पंचकर्म 58,900 8,500 बीएससी-एग्रीकल्चर 92,00 13,000 बीए 1,23,000 2,820 बीबीए 3,55,300 23,440 एमबीए 90,500 13,300
More Stories
निरंजनी अखाड़े में कन्या पूजन से शुरू हुआ कुंभ से जुड़े धार्मिक कार्यों का शुभारंभ !
भव्य होगी ध्वजा स्थापना और पेशवाई यात्रा “महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरी” जूना अखाड़ा !
आपदा में लापता लोगों के परिजनों को जारी होंगे मृत्यु प्रमाण पत्र !