उत्तराखंड- राष्ट्रीय मुक्त विद्दयालयी संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वालों को बेसिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को एक और बाधा पार करनी पड़ेगी. शिक्षा विभाग की बेसिक अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक, बेसिक शिक्षक के लिए दो साल का डीएलएड, बीएड टीईटी होना जरुरी है. लेकिन एनआईओएस का डीएलएड 18 महीने का ही होता है. जिसके चलते एनआईओएस डीएलएड को शिक्षक भर्ती के लिए मान्य करने के लिए विभागीय नियमावली में या तो संसोधन करना होगा या सरकार को विशेष स्थिति में अलग आदेश जारी करना होगा.

अपर बेसिक शिक्षा निदेशक वीएस रावत ने कहा, कि शासन स्तर से जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे उसके मिताबिक ही आगे की कार्यवाही होगी. बिहार हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) डीएलएड डिप्लोमा को देशभर में शिक्षक भर्ती के लिए स्वीकार कर चुकी है. वहीं दूसरी ओर, शिक्षा विभाग की नियमावली में अलग ही प्रावधान हैं. जिसके चलते एनसीटीई के आदेश की अनदेखी या नियमावली का उल्लंघन होना तय है. दोनों ही सूरतों में विवाद होना पक्का है.

बीएड-टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के मीडिया प्रभारी अरविंद राणा ने बताया, कि हाईकोर्ट में इस मामले पर केस दायर करने की तैयारी शुरु कर दी है. अधिवक्ताओं को दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. 10 जनवरी को इस मामले में केन्द्रीय मंत्रीय रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यालय को ज्ञापन भी दिया गया है. 11 जनवरी को मुद्दे पर वार्ता की जाएगी. शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने कहा, कि ये विषय संज्ञान में या है. इस बारे में धिकारियों से जानकारी ली जा रही है. सरकार नियमों को ध्यान में रखते हुए ही कदम उठाएगी
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