उत्तराखंड- देश में कोरोना महामारी के साथ अब एक और नया खतरा मंडराने लगा है. देश के अलग-अलग राज्यों से आ रही पक्षियों की मौत की खबरों ने देश के लोगों में एक नया खौफ पैदा कर दिया है.

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद सरकार ने इससे निपटने के लिए अपनी कमर कस ली है. हरियाणा के मृत पक्षियों में पाया गया वायरस बर्ड फ्लू के मुख्य वायरस से ज्यादा घातक बताया जा रहा है. जिसके चलते सरकार ने हिमाचल और हरियाणा से मुर्गों और अंडों के आयात पर रोक लगा दी है.

संक्रमण की रोकथाम और निगरानी के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समितियां बना दी गई हैं. एसीएस- कृषि उत्पादन आयुक्त राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे. जबकि जिलों की समितियां डीएम की अध्यक्षता में काम करेंगी. हिमाचल और हरियाणा से मुर्गे और अंडे के आयात पर रोक लगाने के लिए पुलिस को भी कार्यवाही के आदेश दिए हैं.
देहरादून “जू” के पक्षियों को बाहरी पक्षियों के संपर्क में आने से रोकने के लिए भी काफी अहतियात बरती जा रही है. पक्षियों के बाड़ों को तिरपाल से ढका जा रहा है. जू के निदेशक पीके पात्रो ने कहा, कि जू को फिलहाल बंद नहीं किया जा रहा है. पक्षी बाड़े में बंद रहते हैं, जिससे वो इंसानों के संपर्क में नहीं आ सकते. आगामी दिनों में अगर मामले बढ़े तो, चिड़ियाघर बंद करने का फैसला लिया जाएगा.

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू तेजी से अपने पैर पसार रहा है, जिसके चलते सरकार ने प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ पोल्ट्री फार्म पर भी कड़ी निगरानी के आदेश दिए हैं. पीसीसीएफ राजीव भर्तरी ने बताया, कि 12 जनवरी के मुकाबले 13 जनवरी को प्रदेशभर में मृत पक्षियों की संख्या ज्यादा रही. 151 पक्षी अलग-अलग वन प्रभागों में बरामद किए गए. डीएफओ राजीव धीमाने ने बताया, कि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. सिर्फ एक दो इलाकों में ही ज्यादा संख्या में पक्षी मर रहे हैं.
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